क्या आप भी Tds on Rent के लिए उत्तरदायी है और आपको कब तक टीडीएस TDS काटना जरुरी है के बारे में पूरी जानकारी।



सेक्शन 194- I Tds on Rent के सभी प्रावधानों के बारे में बताता है जिसके अनुसार कोई भी पर्सन Person किसी भी अन्य पर्सन को (जो की रेजिडेंट हो) किराये Rent का भुगतान करता है तो वह पर्सन Parson कुछ शर्तो के पूरा होने पर टीडीएस काटने के लिए उत्तरदायी होता है।
यदि आप कुछ किराये Rent को एडवांस (advence) के रूप में भुगतान करते है या कुछ कुछ राशि फिक्स्ड डिपाजिट के तौर पर जमा करवाते है तो इस पर भी टीडीएस TDS काटा जायेगा। क्योकि एडवांस (advence) किराया और नॉन रिफंडेबल डिपॉजिट्स को भी किराये का भाग ही माना जाता है।
लेकिन, किराये Rent पर टीडीएस TDS काटने के लिए कुछ शर्ते पूरी होनी चाहिये यदि यह शर्ते पूरी नहीं होती है तो टीडीएस काटने का कोई उत्तरदायित्व नहीं बनता। इसलिये सबसे पहले हम Tds on Rent की इन शर्तो के बारे में जानेगे।

 Conditions For Deduct Tds on Rent – टीडीएस काटने के लिए शर्ते

रेंट Rs पर टीडीएस TDS काटने के लिए इन सभी शर्तो का पूरा होना जरुरी है –
1.         सेक्शन 194 -I सिर्फ भारत के निवासी को किये गए किराये के भुगतान पर ही लागू होता है, यदि आप किसी NRI को किराये का पेमेंट करते है तो वह इस सेक्शन में नहीं आयेगा।
2.         कोई भी पर्सन किराये का पेमेंट करने पर टीडीएस काटने के लिए उत्तरदायी होगा, लेकिन इसमें ऐसे इंडिविजुअल और HUF नहीं आयेंगे जिनकी टैक्स ऑडिट नहीं होनी हो,
3.         पूरे वर्ष में Rs. 1,80,000 (अब 2 लाख 40 हजार ) से अधिक का किराये का पेमेंट किया जाये।इस सेक्शन में टीडीएस काटने के लिए जरुरी है कि आपके द्वारा वर्ष में Rs. 1,80,000 (अब 2 लाख 40 हजार )) से अधिक का पेमेंट किया गया हो।
यदि आपके द्वारा कोई दो या अधिक रेंट एग्रीमेंट किये गएहै, लेकिन कोई भी सिंगल रेंट एग्रीमेंट 180000 (अब 2 लाख 40 हजार ))  से अधिक नहीं है। इस केस में Rs. 1,80,000 (अब 2 लाख 40 हजार )की लिमिट की गणना में आपके द्वारा किया कुल पेमेंट देखा जायेगा यानि कि अगर आपके द्वारा किये गए सभी रेंट एग्रीमेंट का कुल भुगतान एक वर्ष में Rs.1,80,000 (अब 2 लाख 40 हजार ) से अधिक है तो आप सभी भुगतान पर टीडीएस TDS काटने (Tds On Rent ) के लिए उत्तरदायी है।
इसके अलावा यदि एक प्रॉपर्टी के एक से ज्यादा मालिक है और उनका हिस्सा निश्चित और पहचाना जा सकता है तो Rs. 1,80,000 (अब 2 लाख 40 हजार ) की लिमिट सभी मालिकों के लिए अलग अलग लागू होगी।Note – 1 फ़रवरी 2019 को पेश किये अंतरिम बजट के अनुसार एक फाइनेंसियल ईयर में 2,40,000 (जो कि पहले 1 लाख 80 हजार थी )से कम किराये Rent  के भुगतान पर कोई टीडीएस TDS नहीं काटना पड़ेगा।  हालाँकि यह बजट Budget लोकसभा में पारित होने के बाद अस्तित्व में आयेगा। अगर लोकसभा में यह बजट स्वीकार किया जाता है तो असेसमेंट ईयर 2020 -21 से एप्लीकेबल होगा।
Section 194I में किस रेट और किस सम्पति को किराये पर देने पर टीडीएस काटा जायेगा ? (Rate & Assets) –
किराये Rent के भुगतान पर टीडीएस TDS काटने के लिए अलग – अलग एसेट्स के लिए अलग – अलग रेट्स दे रखी है। जैसे कि –
1.प्लांट & मशीनरी                                    – 2 %2.Land, बिल्डिंग, फर्नीचर & फिटिंग्स          – 10 %

Time of tds Deduction on Rent – किराये के भुगतान पर किस समय टीडीएस काटा जायेगा ?

यदि आप टीडीएस TDS काटने के लिए उत्तरदायी है तो आपके द्वारा किराये की राशि को पेयी के खाते में क्रेडिट Cr किये जाने के समय या किराये Rent का भुगतान चाहे कैश Cash या चेक या ड्राफ्ट जारी करना या किसी भी अन्य तरीके से, जो भी पहले हो टीडीएस काटना पड़ेगा।
इसका मतलब है कि यदि आप Monthly रेंट का पेमेंट कर रहे है तो आपको Monthly टीडीएस काटना पड़ेगा चाहे आप अपने एकाउंट्स को quarterly क्रेडिट कर रहे हो।

how to deduct tds on rent – (Procedure)

यदि आपके द्वारा टीडीएस काटा जा रहा है तो सबसे पहले आपको Landlord का पैन नंबर लेना होगा। यदि Landlord के पास पैन नंबर नहीं है या वह नहीं देता है तो आपके द्वारा  section 194I में बताई गयी रेट से टीडीएस न काटकर 20 % की रेट से टीडीएस काटना होगा ।
इसके अलावा यदि Landlord गलत पैन नंबर देता है तो यह माना जायेगा कि पैन नंबर नहीं दिए गए है और आपके द्वारा 20 % की रेट से ही TDS काटा जायेगा।Landlord की इनकम टैक्सेबल नहीं है तो वह सेल्फ डिक्लेरेशन (Form 15G/15H) फाइल कर सकता है जिससे Payer द्वारा रेंट पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा।
लेकिन किसी कंपनी Company या फर्म Farm द्वारा सेल्फ डिक्लेरेशन नहीं दिया जा सकता। यदि किसी कंपनी या फर्म को रेंट का भुगतान किया जा रहा है और टीडीएस TDS कटौती की शर्ते bet पूरी हो रही है तो टीडीएस TDS हमेशा काटा जायेगा।

Section 194 IB

1 जून 2017 से नया सेक्शन जोड़ा गया है जिनमे उन इंडिविजुअल और HUF को शामिल किया गया है जिनकी टैक्स ऑडिट( सेक्शन 44AB)  नहीं होनी है। यानि इस सेक्शन में उन सभी सैलरीड और बिज़नेसमैन Businessman को शामिल किया गया है,जिनकी टैक्स Tax ऑडिट नहीं होती है।
Section 194 IB के अनुसार ऐसे इंडिविजुअल और HUF जिनकी टैक्स ऑडिट नहीं होनी है के द्वारा भी किराये पर टीडीएस काटा जायेगा, यदि उनके द्वारा प्रति महीना Rs. 50,000 या Rs. 50,000 से अधिक किराये का भुगतान किया जायेगा।
इस सेक्शन में आपको Rs.50,000 या Rs. 50,000 से अधिक के किराये के भुगतान पर 5 % की रेट टीडीएस काटना होगा।  लेकिन अगर आप section 194 IB में टीडीएस काटने के लिए liable है तो आपको TAN नंबर लेना अनिवार्य नहीं होगा।

Time of tds Deduction Under Section 194 IB – सेक्शन 194IB में टीडीएस TDS काटने की समय -सीमा –

इस सेक्शन Section में हर महीने या जब भी किराये का भुगतान किया जाये तब टीडीएस TDS काटने की जरूरत नहीं है।इसमें टीडीएस TDS काटने के लिए 2 समय सीमा दे रखी है इनमे से जो भी पहले हो आपको टीडीएस TDS काटना पड़ेगा –1.         पूरे वर्ष के लिए किराये Rent पर ले रखा है तो मार्च महीने के अंत में या2.         पूरे वर्ष के लिए किराये Rent पर नहीं ले रखा है तो रेंट एग्रीमेंट के समाप्त होने वाले महीने के अंत में ।

TDS Refund Process – टीडीएस रिफंड प्रोसेस

यदि Landlord की इनकम टैक्सेबल नहीं है या ज्यादा टीडीएस काट लिया गया है तो Landlord द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करके रिफंड क्लेम किया जा सकता है।इनकम टैक्स रिटर्न में Landlord को देय रिफंड की राशि दिखानी होगी जिसको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा रिटर्न को सेक्शन 143 (1) में प्रोसेस किये जाने के बाद रिफंड को Landlord के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

Source :- https://taxjankari.com/tds-on-rent/

 


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