इनकम टैक्स नोटिस क्यों आते है ? – income tax notices in hindi
income tax notices in hindi – आयकर विभाग द्वारा करदाता को कई प्रकार के नोटिस Notice जारी किये जाते है जिसमे करदाता से कुछ सूचनाये मांगी जाती है या इनकम टैक्स रिटर्न income tax in Hindi को भरने के लिए कहा जाता है। आयकर income विभाग द्वारा किसी न किसी कारण से करदाता को नोटिस जारी किया जाता है जिसका जवाब करदाता द्वारा नोटिस Notice में निर्दिष्ट Time limit में दिया जाता है अन्यथा करदाता को इंटरेस्ट और पेनल्टी Penalty भुगतनी पड़ सकती है।
आयकर विभाग से प्राप्त नोटिस Notice का करदाता को एक एक्सपर्ट से सलाह लेकर जवाब देना चाहिए। इनकम टैक्स income tax in Hindi नोटिस को ignore करना करदाता के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
आयकर income विभाग द्वारा जारी किये गए इनकम टैक्स नोटिसेस income tax in Hindi अलग – अलग सेक्शन section में Cover किये जाते है. जिनका Relevant सेक्शन के प्रावधानों के अनुसार ही जवाब दिया जाना चाहिए। आज के इस आर्टिकल income tax notices in hindi में हम सेक्शन 148 में आयकर विभाग द्वारा जारी किये गए नोटिस के सम्बन्ध में जानेंगे, जिसका असेसमेंट सेक्शन 147 में किया जाता है। इसे इनकम एस्केपिंग असेसमेंट के तौर पर जाना जाता है।
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सेक्शन 148 में जारी किया गया इनकम टैक्स नोटिस क्या है – income tax notices in hindi
जब करनिर्धारण अधिकारी (A .O . ) के पास यह विश्वास करने का पूर्ण कारण हो ( Reason to Believe ) कि करदाता की कोई इनकम पूर्व के वर्षो में टैक्स लगने से छूट गयी हो तो वह सेक्शन 148 में करदाता को नोटिस जारी करता है। करनिर्धारण अधिकारी को शक होने या उसकी दूसरी राय होने मात्र से ही करदाता को सेक्शन 148 में नोटिस Notice जारी नहीं किया जा सकता है बल्कि करनिर्धारण अधिकारी के पास इसका पूरा सबूत होना चाहिये।करनिर्धारण अधिकारी को नोटिस notice जारी करने से पहले इसको जारी किये जाने के कारणों को लिखना चाहिए।अगर करदाता को जारी किया गया नोटिस notice invalid है तो करदाता हाई कोर्ट में याचिका लगा सकता है। यह भी जाने हाउस रेंट allowances
आय कर income से छूटी हुई कब मानी जाएगी – सेक्शन 147 Section 147
सेक्शन 147 Section 147 के प्रावधानों के अनुसार इनकम निम्न केसेस में कर से छूटी हुई मानी जायेगी –
यदि पूर्व के वर्ष में करदाता द्वारा कोई रिटर्न Return फाइल नहीं की गयी है जबकि करदाता की या अन्य पर्सन जिसके लिए करदाता असेसबले है की इनकम इनकम income बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट से अधिक थी।
करदाता द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न income tax in Hindi फाइल की गयी है लेकिन करदाता ने रिटर्न में कम इनकम दिखाई थी या अधिक loss सेट ऑफ किया या अधिक डिडक्शन, allowance या रिलीफ क्लेम की थी।
करदाता का पहले के वर्षो में असेसमेंट किया जा चुका है, लेकिन उस असेसमेंट में करदाता की इनकम कम अस्सेस्सेड की गयी या ज्यादा loss, depreciation या अन्य allowances allowed किये गए हो। तो इस केस में करदाता का दुबारा असेसमेंट assessment भी किया जा सकता है।
पहले के वर्ष में असेसमेंट किया जा चुका है लेकिन इनकम टैक्स income tax in Hindi की कैलकुलेशन कम रेट से की गयी हो, जैसे – कृषि से होने वाली इनकम को इनकम टैक्स रिटर्न income tax in Hindi में रिपोर्ट करना जरुरी होता है, लेकिन करदाता द्वारा कृषि इनकम को रिटर्न में रिपोर्ट नहीं किया गया जिसकी वजह से इनकम टैक्स कम रेट से कैलकुलेट किया गया हो, तो भी सेक्शन 148 में इनकम टैक्स नोटिस income tax in Hindi जारी किया जा सकता है।
किसी भी पर्सन का भारत के बाहर बैंक अकाउंट हो या कोई अन्य प्रॉपर्टी हो जिसको उसके द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न income tax in Hindi में नहीं दिखाया गया हो।
यदि किसी पर्सन का भारत के बाहर किसी entities में फाइनेंसियल इंटरेस्ट हो जिसको उसके द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाया गया हो।
करदाता द्वारा किये गए इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन के सम्बन्ध में सेक्शन 92 e में ट्रांसफर प्राइस की रिपोर्ट को Furnish नहीं किया हो या उस ट्रांजेक्शन को रिपोर्ट में show नहीं किया गया हो।
ऊपर बताये गए किसी भी ट्रांजेक्शन के सम्बन्घ में यदि करनिर्धारण अधिकारी के पास में विश्वास करने का कारण होता है तो करदाता द्वारा सेक्शन 148 में नोटिस जारी किया जा सकता है।
Time Limit for issuing income tax इनकम टैक्स notice under section 148
करनिर्धारण अधिकारी द्वारा जारी किये गए इनकम टैक्स income tax in Hindi नोटिस तब ही Valid रहते है जब यह निर्धारित समय सीमा के भीतर जारी किये गए हो। जब भी करदाता को कोई नोटिस जारी किया जाता है, तो सबसे पहले करदाता को नोटिस notice की टाइम लिमिट देखनी चाहिये और यह पता लगाना चाहिये की यह नोटिस notice टाइम लिमिट के भीतर ही है।
Section 148 में जारी किया गया नोटिस Section 149 में दी गयी टाइम लिमिट के अनुसार होना चाहिये, जिसके अनुसार करनिर्धारण अधिकारी द्वारा करदाता को जिस फाइनेंसियल ईयर में नोटिस notice दिया गया है उस फाइनेंसियल ईयर Financial year के सम्बन्धित असेसमेंट ईयर के समाप्त होने के पहले के 4 वर्ष पुराने मामलो में नोटिस notice जारी किया जा सकता है।
जैसे – यदि मार्च 2019 में आपको section 148 में नोटिस दिया जा रहा है, तो यह फाइनेंसियल ईयर 2018 -19 में दिया गया नोटिस होगा। जिससे सम्बंधित असेसमेंट ईयर होगा 2019 -20 . यानि की असेसमेंट ईयर 2019 -20 से पहले के 4 वर्ष पुराने मामले में ही आपको income tax notice दिया जा सकता है।
लेकिन कर से छूटी आय ( इनकम जिस पर पहले टैक्स नहीं लगा हो ) Rs. 1,00,000 से अधिक है तो यह लिमिट 4 वर्ष की बजाय 6 वर्ष होगी।
अगर करदाता के पास भारत के बाहर कोई assets है या भारत के बाहर किसी entities में फाइनेंसियल इंटरेस्ट है, तो करनिर्धारण अधिकारी (A.O.) सम्बंधित असेसमेंट ईयर समाप्त होने के 16 वर्ष पहले तक के मामलो में नोटिस Notice जारी कर सकता है। यानि की इस केस में करनिर्धारण अधिकारी 16 वर्ष पुराने मामले को भी खोल सकता है।
इसके अलावा यदि किसी पर्सन पर इनकम टैक्स income tax डिपार्टमेंट से छापा (search) पड़ा हो, तो उस केस में करनिर्धारण अधिकारी सम्बंधित असेसमेंट ईयर समाप्त होने के पहले के 10 वर्षो के मामले में नोटिस Notice जारी कर सकता है।
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Response of noticeआयकर विभाग द्वारा प्राप्त नोटिस का नोटिस में निर्दिष्ट टाइम लिमिट में जवाब दिया जाना चाहिए, सामान्यतया यह सीमा 30 दिनों की होती है, जिसमे करदाता से इनकम टैक्स income tax रिटर्न को जमा करवाने के लिए कहा जाता है ।
नोटिस प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर आयकर विभाग को इनकम टैक्स income tax रिटर्न जमा नहीं करवाने पर 1 % प्रति महीने की रेट से इंटरेस्ट भी लगाया जा सकता है।करदाता द्वारा रिटर्न Return जमा करवाने के बाद करनिर्धारण अधिकारी से नोटिस notice जारी किये जाने के कारणों को प्राप्त करना चाहिए।इसलिए आयकर विभाग से प्राप्त होने वाले इनकम टैक्स income tax नोटिसेस notice का जवाब देने में बिना वजह होने वाली देरी से बचना चाहिए।
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असेसमेंट पूरा करने की टाइम लिमिट
करनिर्धारण अधिकारी द्वारा इनकम टैक्स income tax in Hindi नोटिसेस जारी करने के बाद में असेसमेंट को निर्दिष्ट सीमा में समाप्त करना भी जरुरी होता है अन्यथा असेसमेंट invalid हो जाता है। सेक्शन 147 में किया जाने वाला असेसमेंट नोटिस प्राप्त होने वाले फाइनेंसियल ईयर के समाप्त होने के 9 महीने के भीतर पूरा किया जाना आवश्यक होता है।
income tax notices in hindi आर्टिकल में हमने सेक्शन 147 में किये जाने वाले इनकम एक्स्केपिंग असेसमेंट के बारे में जाना अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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