Composite and mixed supply under gst.


composite and mixed supply – जीएसटी सिस्टम में किसी भी गुड्स या सर्विसेज पर जीएसटी लगाने के लिए सबसे पहले यह देखा जाता है कि गुड्स या सर्विसेज की वास्तव में सप्लाई हुई है या नहीं।
अगर गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई है, तो इस पर जीएसटी लगाया जायेगा। जीएसटी  GST in Hindi कानून में सभी गुड्स या सर्विसेज की टैक्स रेट बताई गयी है, जिसके हिसाब से किसी भी गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई पर टैक्स लगाया जा सकता है।

अगर किसी एक ही गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई की जा रही है, तो इस पर जीएसटी लगाने में आपको कोई परेशानी नहीं आयेगी।

लेकिन, कई केस में दो या अधिक गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई एक साथ की जाती है, जिन पर टैक्स की रेट अलग -अलग होती है। जैसेमोबाइल के साथ चार्जर या किसी गिफ्ट पैक में chocolates, sweets, balloons की सप्लाई या एक चीज के साथ कोई अन्य चीज फ्री etc .

इस तरह के केस में जीएसटी किस Goods or services पर किस रेट से लगाया जायेगा, यह काफी परेशानी का काम हो सकता है।

इस तरह की situations को जीएसटी GSTin Hindi लॉ में composite or mixed supply का नाम दिया गया है। आज के हमारे आर्टिकल (composite and mixed supply) में हम इस तरह की सप्लाई में जीएसटी रेट किस तरह से निर्धारित की जायेगी पर चर्चा करेंगे।

what is composite supply under gst – जीएसटी में कम्पोजिट सप्लाई क्या है ?

जीएसटी लॉ में कम्पोजिट सप्लाई और मिक्स्ड सप्लाई दोनों अलगअलग है।  इन दोनों को अलग करने के लिए सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज है, यह देखना कि सामान्य बिज़नेस प्रैक्टिस में किसी गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई ” natural bundled ” है या not natural bundled ” है।

कम्पोजिट सप्लाई मानी जायेगी

ऐसी सप्लाई जिसमे 2 या 2 से अधिक गुड्स या सर्विसेज शामिल है या दोनों का कोई कॉम्बिनेशन है ,
यह supply सामान्य बिज़नेस प्रैक्टिस में “natural bundled” हो,
इस तरह की सप्लाई में एक “principal supply” हो
अगर ये तीनो कंडीशन पूरी होती है, तो इसे composite supply माना जायेगा।

principal supply क्या होती है ?

दो या दो से अधिक गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई में जिस गुड्स या सर्विसेज का element सबसे ज्यादा होगा और अन्य गुड्स या सर्विसेज सिर्फ उसके सहायक होंगे, तो ऐसे गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई प्रिंसिपल सप्लाई मानी जायेगी।

प्रिंसिपल सप्लाई का मतलब ऐसे भी देख सकते है कि 2 या अधिक गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई जिनको अलग -अलग सप्लाई नहीं किया जा सकता

जैसे (example of composite supply ) –
जयपुर से दिल्ली की फ्लाइट में टिकट के साथ meals, insurance भी शामिल है, तो यह bundled सप्लाई मानी जायेगी इस केस में प्रिंसिपल सप्लाई पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन माना जायेगा, क्योकि meals और insurance सिर्फ पैसेंजर को सुविधा प्रदान करने के लिए दी जा रही है। यानि कि यह सिर्फ प्रिंसिपल सप्लाई के सहायक के रूप में दी जा रही है।

एयर कंडीशनर या किसी अन्य आइटम के साथ वारंटी या गारंटी या insurance की सुविधा दी जाती है, तो यह भी “bundled supply ” है, इस केस में इसे कम्पोजिट सप्लाई माना जायेगा क्योकि एयर कंडीशनर की सप्लाई मुख्य सप्लाई है और वारंटी या गारंटी सिर्फ इसके सहायक के रूप में है। बिना एयर कंडीशनर की सप्लाई किये वारंटी या गारंटी नहीं दी जा सकती। इसलिए प्रिंसिपल सप्लाई एयर कंडीशनर की सप्लाई मानी जाएगी।
वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट और रेस्टोरेंट सर्विस कम्पोजिट सप्लाई का सबसे बढ़िया example है, लेकिन जीएसटी लॉ में इन दोनों तरह की सप्लाइज के लिए अलग रेट बताई गयी है। हालाँकि जीएसटी से पहले इन दोनों को कम्पोजिट सप्लाई ही माना जाता था।

Gst rate for composite supply –

कम्पोजिट सप्लाई के केस में जीएसटी GST in Hindi रेट प्रिंसिपल सप्लाई की ली जायेगी, क्योकि अगर प्रिंसिपल गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई नहीं की जाये , तो ऐसी सप्लाई होगी ही नहीं।
जैसेमोबाइल के साथ चार्जर और अन्य असेसरीज की सप्लाई की जाती है, तो इस केस में टैक्स लगाने के लिए मोबाइल की जीएसटी रेट ली जायेगी, क्योकि अन्य असेसरीज सिर्फ मोबाइल की सहायक है। इस केस में मोबाइल की सप्लाई प्रिंसिपल सप्लाई है।

सर्विसेज natural bundled ” है या not natural bundled कैसे जाने

किसी भी गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई को कम्पोजिट सप्लाई मानने के लिए सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज है कि वह सप्लाई natural bundled होनी चाहिये।
अगर सप्लाई natural bundled नहीं है तो इन सभी गुड्स या सर्विसेज पर अलग -अलग रेट से टैक्स लगाया जायेगा।
कोई भी सर्विसेज सामान्य बिज़नेस प्रैक्टिस में natural bundled है या नहीं यह जानने के लिए कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ चीजे है जिनसे यह पता लगाया जा सकता है।

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